रविवार, 6 मार्च 2016

मां



मां

उम्र ने
उम्र के उस पडाव पर
पहुंचा दिया मुझे भी,
जहाँ से
तू चल पडी थी

सोचती हूं तू अगर होती
तो कैसी होती

भाभी जैसी जिनसे तुम्हारी दांत कटी थी
मैं कल्पना भी नही करना चाहती
तुम्हारी किस्मत
उस भाभी जैसी हो
तुम्हारे बहन जैसी भी न हो

औरत का सौ जनम है मां
किस किस का उदाहरण दू
मर्दो को मोक्ष मिल जाता है
औरतो को
उदाहरण तक नही मिलता

तू तो विलकुल वैसी की वैसी
रस से पोर पोर भरी,
लावण्यमयी
हंसमुख--स्नेहिल
इतने जतन से सम्भाल रखा है
मौत ने तुम्हे जस का तस

जब तक मैं जिन्दा रहूंगी
तू जिन्दा रहेगी
बिना झुरियों वाला चेहरा के साथ

गजब है न
बेटी की ऊम्र बढ़ती जायेगी
माँ जस की तस---

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