रविवार, 6 मार्च 2016

और गोली चलती है



और गोली चलती है

 

 

आखिर क्या चला जाएगा

एक रंडी का

नंगा होकर नाचने से

 

उसकी कीमत हम चुकाएंगे

 

खत्म हो जाएगा

शादी का उत्सव

खत्म हो जाएगी शादी की रौनक

उतर जाएंगे लाल पीले रंग

बची रहेगी शान नंगा नचाने की

 

एक औरत को नंगा नचाने की शान

 

किसी कौरव की सभा नहीं है यह,

उत्सव है शादी का

ध्वनि और, प्रकाश की जगर-मगर

लोगों से खचा-खच भरा बावन चोभ का

शामियाना

और कांप रही है एक औरत

दो दिलों के मिलन में

खुशियों का सट्टा है जिसका

 

वे जरूर नचाएंगे ,

उसे नंगा

 

 

छोड़ जाएंगे

ग्ंगा के पवित्र मैदानी इलाके में ,

शराब की खाली बोतलें और

एक औरत को नंगा नचाने की शान

 

अगर इनकार करेगी

तो चलेगी गोली..

 

और गोली चलती है.......

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