रविवार, 6 मार्च 2016

मैं कैसे गायब हुई पापा




मैं कैसे गायब हुई पापा

कारवाईयां
सम्भाल कर
रख ली गई है रसूख वालो के लिए
बस बेटी की बात थी न पापा

आप चुप हो गए
आपको अंदर से
किसी ने धिक्कारा नहीं

फ़ूट फ़ूट रोए,
तो भी यह पता न चला
यह बेटी के लिए,बाप का घर नहीं था।

तुम भी पुलिस थे पापा
तुम भी वकील थे पापा
तुम भी थे
वह न्यायाधीश,

एक नहीं जाने कितनी अदालते है पापा
जहां दर्ज है कितनी लडकियो का मुकदमा.
बस ,
उसे पराजित करने के लिए
हमारी जीत डायरी के पन्नो में दर्ज है

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