लाल
केशर बुआ
लाल केशर बुआ
राखी का दिन है
प्रणाम
मै कहता
बुआ
आवाज सुन तुम मुडती
दौड कर चलती उठाती ,सीने से लगाती
इतने सुन्दर चित्र मेरे पास
नही बचे,
मेरा प्यार
आज भी वही बच्चा है
जो तुम्हारी गोद मे चढने के लिए
मचलता था
उतरना तो
चाहता ही नही।
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